सिंधिया को भाया दाल-बाटी का स्वाद, खाते ही पूछ डाली रेसिपी फिर अपने हाथों से आदिवासी महिला को खिलाया
एक बार फिर केंद्रीय मंत्री और गुना लोकसभा सीट से प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया का अलग अंदाज देखने को मिला. शुक्रवार को सिंधिया गुना जिले के बमोरी में आयोजित जनजातीय समुदाय चौपाल में शामिल हुए. इस दौरान समुदाय के सदस्यों से घंटो तक बातचीत की. इस चौपाल के बाद सिंधिया ने PM आवास योजना हितग्राही आदिवासी महिला जानकी सहरिया के घर लंच किया. यहां उन्होंने दाल-बाटी का लुत्फ उठाया. इसका स्वाद उन्हें इतना भाया कि उन्होंने रेसिपी भी पूछ डाली. साथ ही महिला को खुद अपने हाथों से बाटी भी खिलाई. जनजातीय समुदाय चौपाल में पहुंचे सिंधिया ने आदिवासियों के क्रांति शब्द ‘हुल जोहार’ प्रिंट का गमछा भी पहना था. देखें दाल-बाटी का लुत्फ उठाते हुए
जनजाति सम्मेलन में शामिल हुए सिंधिया, चखा दाल-बाटी का स्वाद
गुना। लोकसभा सीट गुना-शिवपुरी से भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार दोपहर में बमोरी विधानसभा के बमोरी कलान में जन जाति सम्मेलन में सम्मिलित हुए। यहां उन्होंने बमोरी में आयोजित जनजातीय समुदाय चौपाल में पहुंचे और वहां समुदाय के सदस्यों से घंटो तक बातचीत की। अपनी बातचीत में सिंधिया ने बोला कि, पृथ्वी के सबसे बड़े संरक्षक आदिवासी भाई बहन है जिन्होंने सदियों से इस धरती की रक्षा की है। जल, जंगल, जमीन के असली किलेदार आप सब ही हैं और इसीलिए हर भारतवासी को आपकको नमन करना चाहिए। उन्होंने सिंधिया परिवार और आदिवासी समुदाय के रिश्ते के बारे में बताया और अपने पूर्वज को याद किया, उन्होंने बोला की जैसे आज मैं आप सब के बीच चौपाल करने आया हूँ ऐसे ही मेरे पूर्वज माधो महाराज आदिवासी समाज के साथ चौपाल किया करते थे। 1937-38 में श्योपुर जिले में आदिवासियों के बच्चों के लिए 13 स्कूल और तीन नि:शुल्क छात्रावास बनाए गए थे। आपके समाज के बच्चों को शिल्पकला का प्रशिक्षण देने की योजना बनाई गई थी जो रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोगी हो। वर्तमान समय में आदिवासी समुदाय के विकास के बारे में बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस पर जम कर हमला किया। उन्होने कहा की कांग्रेस सिर्फ अपने नेताओं के नाम पर जयंती मनाती है। नरेंद्र मोदी जी देश के पहले प्रधानमंत्री है जिन्होंने भगवान बिरसा मुंडा को सम्मान देते हुए उनकी जयंती मनाई और रानी दुर्गावती की 500 वीं जयंती पुरे देश में मनाई। केंद्र सरकार ने 12 हजार गाँवों में आदिवासी भाई बहनों के विकास के लिए रु 25 हजार करोड़ की प्रधानमंत्री जनमन योजना शुरू की है। इसी के साथ चौपाल के बाद मंत्री सिंधिया आदिवासी समुदाय की महिला, जानकी सहरिया जिन्हे हाल में ही प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत घर मिला है, उनके घर गए और भोजन किया। भोजन में उन्होंने दाल – बाटी का जम कर स्वाद लिया। आज सिंधिया के पहनावे में एक और खास बात थी, उन्होंने आदिवासियों के क्रांति शब्द हुल जोहार प्रिंट का गमछा भी पहना था।