कोतकाता महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी के खिलाफ हड़ताल पर गए डॉक्टर्स
एक घंटे तक ओपीडी में काम किया बहिष्कार, बाद में काली पट्टी बांधकर जताया विरोध
गुना। कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी के विरोध में शुक्रवार को जिला अस्पताल सहित जिलेभर में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई। दरअसल घटना के विरोध में शुक्रवार को मप्र चिकित्सा अधिकार संघ के बैनरतले जिला अस्पताल सहित जिले की समस्त स्वास्थ्य केंद्र एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। जिला अस्पताल में शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से 1 बजे तक सिविल सर्जन सहित सभी डॉक्टर्स ने ओपीडी का बहिष्कार किया तत्पश्चात काली पट्टी बांधकर काम किया। इस मौके पर डॉक्टरर्स ने समाज के समस्त संगठनों, कर्मचारी यूनियन एवं सामाजिक संस्थाओं से अपील की कि विरोध में उनका साथ दें। जिससे अस्पताल एवं चिकित्सकों पर आए दिन होने वाले हमलों एवं मारपीट जैसी अमानवीय घटनाओं को रोका जा सके। ऐसी घटनाओं पर विराम नहीं लगाया गया तो वह दिन दूर नहीं है जब समाज को चिकित्सकीय सेवाएं देने के लिए कोई चिकित्सक हमारे बीच न होगा।
चिकित्सा अधिकारी संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. रितेश कांसल ने बताया कि ये विरोध बंगाल में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी और हिंसा के खिलाफ डॉक्टर्स की क्रांति है। कोलकाता में 8 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई। इसके विरोध में देशभर में डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। हमने जिला अस्पताल में शुक्रवार को एक घंटे तक ओपीडी में कामबंद हड़ताल कर बाद में काली पट्टी बांधकर काम किया। यह हड़ताल प्रदेशव्यापी होने वाली है। जिससे हजारों की संख्या में मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
सेंट्रल डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट की मांग
डॉ. कांसल ने कहा कि कोलकाता की घटना से साबित हो चुका है कि डॉक्टर्स सुरक्षित नहीं हैं। हम सेंट्रल डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट की मांग कर रहे हैं। गत रात बंगाल में प्रदर्शन कर रहे चिकित्सकों के साथ हुई हिंसा से हम व्यथित हैं।