बेटी से बात करने नाराज पिता-पुत्र ने की थी युवक की हत्या चांचौड़ा थानांतर्गत सडक़ किनारे मिली लाश के मामले में पुलिस ने किया खुलासा
गुना। जिले के चांचौड़ा थाना अंतर्गत ऊमरथाना के पास रोड किनारे युवक की मिली लाश के मामले में पुलिस ने गुत्थी सुलझाई आरोपी पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया है। हत्याकांड में लडक़ी से प्रेम-प्रसंग से खफा प्रेमिका के पिता और भाई द्वारा प्रेमी युवक की हत्या कर सबूत छिपाने लाश को फैंक रोड किनारे फेंक दिया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार 16 सितंबरको दिनेश पुत्र कल्याण सिंह भील (23) निवासी फाट्यापुरा मजरा ग्राम जूनापानी द्वारा चांचौड़ा थाना पुलिस को रिपोर्ट की गई थी कि 16 सितंबर की सुबह उसे ग्राम पीपल्यामोती के धुंधा भील ने फोन पर बताया कि तेरा भाई सोनू उमरथाना रोड़ पर महुँआ के पेड़ के पास पुलिया किनारे मरा पड़ा है । इसके बाद उसने अपने परजिनों के साथ मौके पर पहुँचकर देख तो वहां पर उसका भाई सोनू मृत अवस्था में पड़ा था। फिर हम लोग सोनू भील के शव को ट्रेक्टर में रखकर चांचौड़ा अस्पताल ले आये हैं एवं जिसने बताया कि उसका भाई 14 सितंबर को दोपहर में घर से चांचौड़ा ढोल ग्यारस के मेला में आया था जो शाम करीबन 05 बजे तक मेला में था। इसके बाद 16 सितंबर को उसकी लाश उमरथाना रोड़ पर पड़ी मिली है । जिस पर से चांचौड़ा थाने में मर्ग कायम कर जाँच में लिया गया था ।
उक्त मामले में पुलिस ने गहनता से विवेचना की। जांच के दौरान मृतक सोनू भील के परिजन एवं अन्य साक्षियों से पृथक पृथक पूछताछ कर कथन लिये गये। जिससे ज्ञात हुआ कि मृतक सोनू भील राजस्थान के ऊमरथाना क्षेत्र के ग्राम महराजपुरा निवासी रघुवीर भील की लडक़ी से बातचीत करता था । इसी बात पर दिनांक 14 सितंबर की रात में मृतक सोनू भील का रघुवीर भील व उसके लडक़े सोनू भील से विवाद हो गया था और विवाद के बाद से ही मृतक सोनू भील गायब था। 16 सितंबर को मृतक सोनू भील का शव ऊमरथाना के आगे नाले के पास रोड किनारे मिला था जिसके सिर व शरीर में चोटें थीं। मर्ग जांच में मृतक के मोबाईल नम्बर की लास्ट लोकेशन ट्रेस कर ग्राम महाराजपुरा पहुंचे। जहाँ संदेही रघुवीर भील पुत्र मांगीलाल भील एवं सोनू भील पुत्र रघुवीर भील निवासीगण ग्राम महाराजपुरा थाना मनोहरथाना जिला झालावाड राजस्थान से पूछताछ करने पर पता चला कि मृतक सोनू भील महाराजपुरा निवासी रघुवीर भील की लडकी से बातचीत करता था और उसे भगाने की योजना बना रहा था । इसलिये योजनाबद्ध तरीके से दिनांक 14 सितंबर को चांचौडा में ढोल ग्यारस मेला देखकर वापस घर लौटते समय मृतक सोनू भील निवासी फाट्यापुरा एवं महेश भील निवासी पीपल्यामोती को महाराजपुरा निवासी सोनू भील अपने घर दारू पार्टी करने का बोलकर ले गया था। जहाँ पर रघुवीर भील मृतक सोनू भील से बोला कि तू उसकी लडक़ी से बात मत किया कर। इसी बात पर मृतक सोनू भील से रघुवीर भील एवं उसके लडक़े सोनू भील का विवाद हो गया था, लेकिन उस समय आसपास के लोगों के आ जाने से झगडा शांत हो गया था। इसके बाद मृतक सोनू भील एवं महेश भील निवासी पीपल्यामोती दोनों रघुवीर भील के जमाई समविलास भील के घर पर सो गये थे। सभी के सो जाने के बाद मृतक सोनू भील पेशाब करने बाहर खेत तरफ गया तो रघुवीर भील व उसका लडक़ा सोनू भील दोनों उसके पीछे गये तो उनको देखकर सोनू भील भागने लगा लेकिन उन दोंनो ने अपने खेत के पास ही मृतक सोनू भील को पकड लिया और जिसे जान से मारने की नियत से उसके सिर में डंडा मारा जिससे वह नीचे गिर गया और फिर उसको खेत पर लगी तार फैंसिंग जिसमें करंट था, पर फैंक दिया था । फिर उन दोनों के द्वारा 15 सितंबर को तडक़े सुबह खेत पर जाकर देखा तो सोनू भील की लाश तार फैसिंग पर पडी थी। जिसे आने जाने वाले लोग देख न लें इसलिये उनके द्वारा लाश को मक्का के खेत में छिपा दिया एवं 15 सितंबर की रात को ही रघुवीर भील एवं उसका लडक़ा सोनू भील मृतक सोनू भील की लाश को उठाकर ग्राम ऊमरथाना के आगे नाले के पास रोड किनारे फेंककर घर वापस आ गये। उक्त मर्ग की संपूर्ण जांच पर प्रथम दृष्टया आरोपीगण रघुवीर भील पुत्र मांगीलाल भील एवं सोनू भील पुत्र रघुवीर भील निवासीगण ग्राम महाराजपुरा थाना मनोहरथाना जिला झालावाड राजस्थान द्वारा मृतक सोनू भील की हत्या कर लाश फेंकना पाये जाने पर जिनके विरूद्ध चांचौड़ा थाने में अपराध क्रमांक 443/24 धारा 103, 238, 61(2) बीएनएस के तहत अपराध कायम कर प्रकरण में आरोपीगण रघुवीर भील एवं सोनू भील को गिरफ्तार कर न्यायालय पेश किया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया है । उपरोक्त अंधे कत्ल का शीघ्रता से पर्दाफाश करने में एसडीओपी चांचौड़ा श्रीमती दिव्या सिंह राजावत के पर्यवेक्षण में चांचौड़ा थाना प्रभारी निरीक्षक मचल सिंह मंडेलिया, उपनिरीक्षक नीरज लोधी, उपनिरीक्षक जयवीर सिंह बघेल, सउनि अरूण भदौरिया, प्रधान आरक्षक विष्णु गुर्जर, आरक्षक राजकुमार रघुवंशी, आरक्षक राकेश भिलाला, आरक्षक धर्मेंद्र चौहान, आरक्षक अजय समाधिया, आरक्षक संजय, आरक्षक अंकेश मोरी, आरक्षक मनोज टेकाम, सैनिक विजय भील एवं सायबर सेल से आरक्षक कुलदीप भदौरिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही है ।