होम लोन देने वाली निजी कंपनियां लगाती हैं 20 से 24 फीसदी ब्याज, ऐसी कंपनियों की जांच कर रिपोर्ट सौंपे – कलेक्टर
कलेक्टर द्वारा जिला स्तरीय सलाहकार, समीक्षा समिति की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
गुना। कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में जिला कलेक्ट्रेट गुना के सभागार में जिला स्तरीय सलाहकार/ समीक्षा समिति बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिपं सीईओ प्रथम कौशिक, आरबीआई एलडीओ नवनीत तिवारी, जिला विकास प्रबंधक नाबार्ड मानिक मिश्र, एसबीआई आरएसीसी प्रणिता, एलडीएम प्रवीण गुजेरे सहित विभागीय अधिकारी एवं बैंकर्स उपस्थित रहे। बैठक के दौरान विगत 25 जनवरी 24 को आयोजित जिला स्तरीय सलाहकार, समीक्षा समिति की बैठक के पालन प्रतिवेदन पर बिंदुवार चर्चा की गई। इसके पश्चात सीडी रेसियो की समीक्षा के दौरान जिले में 31 मार्च की स्थिति में पीएनबी, पीएसबी एवं आईडीबीआई का सीडी रेसियो कम पाया गया, जिसे बढ़ाने के निर्देश दिये गये। इसी प्रकार वाणिज्य बैंक, ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक और अन्य एजेंसी के माध्यम से वितरित किये गये ऋण के बारे में जानकारी प्राप्त की और बैंकर्स को सुझाव दिया गया कि समाज के प्राथमिकता वाले एवं कमजोर वर्ग के लिए ऋण देने की आवश्यकता है। इस दिशा में सभी बैंकर्स विभागों से मिलकर काम करें।
कलेक्टर द्वारा अवगत कराया गया कि प्राय: यह देखने में आ रहा है कि हाउस लोन प्रकरणों में फाइनेंस कंपनियों द्वारा ऋण पर अत्यधिक ब्याज दर लगाकर वसूली की कार्यवाही की जा रही है, जो भारतीय रिजर्व बैंक की गाइड लाइन के विपरीत है। जिला न्यायालय में प्रचलित सरफेसी एक्ट के प्रकरणों में भी यह देखने में आ रहा है कि फायनेंस कंपनियों द्वारा 20 से 24 प्रतिशत तक ब्याज लगाया गया है, इस संबंध में एलडीएम को निर्देशित किया गया कि ऐसी कंपनियों का परीक्षण करें और यह भी पता लगाएं कि यह पंजीकृत हैं अथवा नहीं। इस दौरान रिकवरी प्रकरणों में समीक्षा के दौरान शिक्षा एवं कौशल ऋण वसूली की स्थिति की जानकारी चाही गई। इस संबंध में अपेक्षित जानकारी एलडीएम द्वारा उपलब्ध नही करायी गयी, कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया कि यह जानकारी डीएलसीसी बैठक में रखना चाहिये साथ ही जिले में बैंकर्स द्वारा अग्रिम ऋण दिया गया है उस अनुपात में वसूली कम है एवं बैंक में एनपीए 645 करोड़ है, इस संबंध में रिकवरी के लिए ऑनलाईन आरसीसी जनरेट की जावे और संबंधित तहसीलदार से संपर्क कर वसूली की कार्यवाही सख्ती से करायी जावे। इसमें जिला प्रशासन आपके लिये सहयोग करने के लिए तत्पर है।
स्वरोजगार एवं हितग्राहीमूलक योजनाओं में प्राथमिकता से करावें ऋण वितरण
समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री मुद्रा लोन, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, डेएलयूएलएम समूह बैंक लिंकेज, डेएनआरएलएम, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, पशु पालन विभाग अंतर्गत संचालित केसीसी तथा अंत्यवसाय व आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्वरोजगार योजनाओं के बारे में बैंकवार समीक्षा की गयी और निर्देशित किया गया कि इन योजनाओं में विगत 6 माह में मात्र 15 प्रतिशत ऋण वितरण की प्रगति है, जो संतोषजनक नही है। सभी बैंक प्रतिनिधि अपने बैंक प्रबंधक को स्पष्ट बता दें कि बैंक में प्रेषित वितरण प्रकरण 15 नवंबर तक प्राथमिकता से करावें। इसी प्रकार सभी विभागीय अधिकारी सुनिश्चित करें कि जिन बैंकों में प्रकरण प्रेषित किये गये हैं वह अच्छी गुणवत्ता के हो, और उनसे संपर्क करें व संपर्क करने की तिथि व उसका विवरण अपने पास रखें। आगामी 20 नवंबर को होने वाली डीएलसीसी की बैठक में बैंकवार और बिंदुवार समीक्षा की जावेगी। कलेक्टर द्वारा बैंकर्स के माध्यम से संचालित बीमा योजनाएं प्रधानमंत्री जनमन योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना एवं अटल पेंशन योजना की समीक्षा के दौरान एलडीएम को निर्देशित किया गया कि जिले की जनसंख्या के अनुपात में बीमा योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या कम है, इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
सभी बैंकर्स अपने सकारात्मक मानसिकता के साथ कार्य करें, जरूरतमंदों को ऋण देंं – कलेक्टर
सभी बैंकर्स अपने सकारात्मक मानसिकता के साथ कार्य करें, जरूरतमंद लोगों को ऋण प्रदान करें। बैंक में प्रेषित प्रकरणों को बिना कारण के रिजेक्ट न करें। यदि कोई प्रकरण में कमी है उसे होल्ड रखा जावे और उसकी पूर्ति कराकर वितरण कार्य करावें। बैठक के दौरान रिजर्व बैंक इंडिया के प्रतिनिधि ने अवगत कराया कि सभी बैंकर्स अपने स्तर पर लंबित प्रकरणों का डाटा परीक्षण करें और समय सीमा में वितरण करें। बैंकर्स जिला प्रशासन के सहयोग और समन्वय से कार्य करें और जरूरतमंद लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें।